Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2019 · 1 min read

आज के शेर

आज के शेर
—————————-
ख़ूब मलिये,
ज़ख़्मों पे नमक,
दर्द की इन्तहा
क्या है!!
हम जानते हैं।
———————-
अपना पता बदलिये ,जनाब!!
आजकल इस पते पर
डाक नहीं आती है !!
कुछ धमकियाँ आती हैं ।।
———————————
आना जाना इधर,
कम हो गया अपने घर।
लोगों का बस;
मतलब निकल गया है।
———————————
भूल जाती हैं
किताबों की बातें ?
वक़्त गुज़र जाने के बाद
दिल पर लिखी बातें
गहरा जाती हैं
उम्र बीतने के साथ!!
———————————
राजेश’ललित’
स्वलिखित
मौलिक

6 Likes · 2 Comments · 324 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उनकी तस्वीर
उनकी तस्वीर
Madhuyanka Raj
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
Suryakant Dwivedi
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,
खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,
Neelofar Khan
उम्र के हर पड़ाव पर
उम्र के हर पड़ाव पर
Surinder blackpen
वीर जवान
वीर जवान
Shriyansh Gupta
My luck is like sand
My luck is like sand
VINOD CHAUHAN
रब करे हमारा प्यार इतना सच्चा हो,
रब करे हमारा प्यार इतना सच्चा हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कैसी होती हैं
कैसी होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
4419.*पूर्णिका*
4419.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते  रंग ।
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते रंग ।
sushil sarna
बचपन
बचपन
Kanchan Khanna
सुहागन की अभिलाषा🙏
सुहागन की अभिलाषा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हिसाब सबका होता है
हिसाब सबका होता है
Sonam Puneet Dubey
" यहाँ कई बेताज हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*नववर्ष*
*नववर्ष*
Dr. Priya Gupta
"उल्फ़त के लिबासों में, जो है वो अदावत है।
*प्रणय*
लोग भय से मुक्त हों  ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
लोग भय से मुक्त हों ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
DrLakshman Jha Parimal
कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है चुपचाप सहने की भी
कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है चुपचाप सहने की भी
Rekha khichi
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
Raju Gajbhiye
होली आने वाली है
होली आने वाली है
नेताम आर सी
Window Seat
Window Seat
R. H. SRIDEVI
"इन्तजार"
Dr. Kishan tandon kranti
*वक्त की दहलीज*
*वक्त की दहलीज*
Harminder Kaur
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
पूर्वार्थ
रावण न जला हां ज्ञान जला।
रावण न जला हां ज्ञान जला।
मधुसूदन गौतम
तमाशा जिंदगी का हुआ,
तमाशा जिंदगी का हुआ,
शेखर सिंह
*हुस्न तेरा  है  गरूर भरा*
*हुस्न तेरा है गरूर भरा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...