आज के लोकतंत्र की परिभाषा –आर के रस्तोगी
लोकतंत्र में जब तक लठ्ठ तन्त्र है,तब तक कोई सुखी न रह पायेगा |
जिसका हाथ में लाठी होगी, वही लोकतंत्र में भैस खोल ले जायेगा ||
लोकतंत्र में जब तक सत्ता रहेगी,झूठे भ्रष्टाचारी नेताओ के पास |
जब तक भोली भाली बेचारी जनता इसमें हमेशा ही रहेगी उदास ||
लोकतंत्र में जनता को केवल नेताओ को चुनने का ही अधिकार है |
जब तक जनता को बुलाने का अधिकार न होगा तब तक बेकार है ||
लोकतंत्र एक भूख तन्त्र है ,जिसमे भ्रष्टाचार अपनी भूख मिटाता है |
गरीब जनता और बेचारा वोटर इस लोकतंत्र में भूखे पेट सो जाता है ||
आर के रस्तोगी
बी १३१५ पालम विहार गुडगाँव
मो 9971006425