आज के युग में एटीट्यूड ज़रूरी है
जेब में दौलत और टैलेंट, सूरत क्यूट ज़रूरी है
सच है ये अरे आज के युग में एटीट्यूड ज़रूरी है
बात करो तो सोच के बोलो, कुछ मिलके थोड़ा गैप भी ले लो
चाल तनी भाई पैरों में अरे शाही बूट ज़रूरी है
मदद करो तो मासूम लगोगे , पर इज़्ज़त नहीं मिल पाएगी
पुण्य की दौलत भले मिले पर यहाँ शोहरत नहीं मिल पाएगी
संसारी बन कर जीना है तो सैल्यूट ज़रूरी है
ख़ामोशी भी बहुत ज़रूरी, अंदर रखो हर मज़बूरी
भोलापन ना हो तो चलेगा, पर नीति कूट ज़रूरी है
कभी कभी एब्सेंट भी हो लो, नाराज़ कुछ परसेंट भी हो लो
ना कहने की भी आदत डालो और कभी झूठ ज़रूरी है
चन्दन को यहाँ कौन पूजता, शो पीस यहाँ पूजे जाते
मन मंदिर को समझे कौन, रहीस यहाँ पूजे जाते
जमा पूंजी और नौकर चाकर, तन पर सूट ज़रूरी है
इंटरनेट त्यौहार मनाता, रिश्तों की परिभाषा बताता
स्टेटस और डीपी बोले पर व्यक्ति म्यूट ज़रूरी है
सीधे पेड़ ही काटे जाते, मीठे फल ही बांटे जाते
जान बचानी है तो भैया, टेढ़ा रुट ज़रूरी है
दीपाली कालरा