आज के दोहे
आज के दोहे
पक्षी हमारे मीत हैं, रखिए इनका ख्याल।
कुंडे पानी के रखो, दाना भी दो डाल।।
पक्षी कृषक के मित्र हैं, कृषक संग सहचार।
फसल विनाशक किट को, बना रहे आहार।।
पंखी कलरव कर रहे, देते मन को चैन।
सुबह सवेरे बोल कर, कहते बीती रैन।।
पक्षी सोच में पड़ गए, कटी पेड़ की डाल।
कहाँ बनाएं घोसला, आया अपात काल।।
छतें हमारी हो गई, पंछी के प्रतिकूल।
पंखे झूमर हो गए, पक्षी खातिर त्रिशूल।।
कितने पंछी मर रहे, काल दूरसंचार।
घातक किरणें कर रही, पक्षियों का संहार।।
सिल्ला विनोद कर रहा, पंछियों संग प्यार।
बड़े मनोहर लग रहे, भरते हुए उडार।।
-विनोद सिल्ला