आज के ज़माने में .
गिरते हुए को कोई उठता नहीं ।
डूबते हुए को कोई बचाता नहीं।
रोते हुए को ढाढस बंधाता नहीं ।
उदास हो यदि कोई बहलाता नहीं ।
रूठे हुए को भी कोई मनाता नहीं ।
बहुत अधिक व्यस्त है भाई साहब !
आज के ज़माने में लोग ,
कोई मर जाए तो देखने भी आता नहीं।