आज कृष्ण जन्माष्टमी, मोदभरे सब लोग।
आज कृष्ण जन्माष्टमी, मोदभरे सब लोग।
लगा रहे हैं चाव से, माखन-मिश्री-भोग।।
अष्टम तिथि को प्रगटे, अष्टम हरि अवतार।
सुत अष्टम देवकी के, मेटो अष्ट विकार।।
धन्य-धन्य वह जेल है, धन्य देवकी कोख।
हुए अवतरित प्रभु जहाँ, देने जग को मोख।।
रूप अलौकिक मोहना, निरख रही अनिमेष।
सार तुम्हीं संसार के, अग-जग के उन्मेष।।
© सीमा अग्रवाल