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29 May 2023 · 1 min read

आज की बेटियां

चल रही हैं बेटियां
बदल रही हैं बेटियां
ठोकरें खाती हुई
सम्भल रही हैं बेटियां…
(१)
धर्म और समाज की
रस्म और रिवाज़ की
सारी हदों को लांघकर
निकल रही हैं बेटियां…
(२)
पंख अपने खोलकर
आकाश की बुलंदियां
जीते जी छू लेने को
मचल रही हैं बेटियां…
(३)
ताक़त के घमंड को
दौलत के पाखंड को
आज अपने बूटों तले
मसल रही हैं बेटियां…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#WrestlerProtest #Shameful
#JantarMantar #DelhiPolice
#Democracy #women #rebel
#महिला_पहलवान #यौन_उत्पीड़न
#feminist #lyricist #bollywood

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 352 Views
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