आज का वक्त
आज का वक्त
मुझे ध्यान है वह वक्त भी
जब दादा दादी के संग खेला करते थे
मुझे ध्यान है वह वक्त
जब हमझोलीयों के साथ खेला करते थे
ध्यान तो है मुझे सारी बातें
वह सब बातें
कभी भुलाई नहीं जाती
आखिर में याद आ ही जाती है
किसी के कहे हुए वचन
जब भी मैं सोचता हूं विचारता हूं
मेरे मन में एक उचटन सी हो जाती है
क्या करें कुछ उसका जवाब
वह मां बाप का प्यार
संगे साथी की खेल टोली
वह आपस में तख्तियां मांगना
सावन के झूलों की झूलन
होली के खेलों की खेलन
बरसात के मौसम की बारिश
तालाब के साथ पानी डालकर रिपटना
भाई-बहन की लड़ाई
सब याद है
भैंस को तालाब में लेकर जाना
फिर बकरियों को भी तालाब पर नहलाना
गाय को चारा डालना
बकरियों के बच्चों से खेलना
सब याद है
याद है वो मेहनत के दिन
माता पिता के साथ
काम में हाथ बटवाना
उनके साथ काम का प्रशिक्षण लेना
याद है
अब नहीं है याद
पहले वाला प्यार।
खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड तह गोहाना सोनीपत