आज का यथार्थ~
आज का यथार्थ~
माँ, बाप, गुरु, मित्र सभी ने बालक में कूट-कूट कर अच्छाई भरीं। फिर भी किशोर अच्छाई से वंचित रह गया। आश्चर्य तब हुआ जब बुराई बिना जद्दोजहद के आज के युवाओं में जगह बना गई।
दिनेश एल० “जैहिंद”
आज का यथार्थ~
माँ, बाप, गुरु, मित्र सभी ने बालक में कूट-कूट कर अच्छाई भरीं। फिर भी किशोर अच्छाई से वंचित रह गया। आश्चर्य तब हुआ जब बुराई बिना जद्दोजहद के आज के युवाओं में जगह बना गई।
दिनेश एल० “जैहिंद”