Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2024 · 1 min read

आज का मुक्तक

आज का मुक्तक

1 Like · 12 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भीड़ ने भीड़ से पूछा कि यह भीड़ क्यों लगी है? तो भीड़ ने भीड
भीड़ ने भीड़ से पूछा कि यह भीड़ क्यों लगी है? तो भीड़ ने भीड
जय लगन कुमार हैप्पी
साथ चली किसके भला,
साथ चली किसके भला,
sushil sarna
दृष्टि
दृष्टि
Ajay Mishra
जब भी अपनी दांत दिखाते
जब भी अपनी दांत दिखाते
AJAY AMITABH SUMAN
आज का श्रवण कुमार
आज का श्रवण कुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"फेसबूक के मूक दोस्त"
DrLakshman Jha Parimal
2662.*पूर्णिका*
2662.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
हमें तो देखो उस अंधेरी रात का भी इंतजार होता है
हमें तो देखो उस अंधेरी रात का भी इंतजार होता है
VINOD CHAUHAN
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
Neerja Sharma
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Trying to look good.....
Trying to look good.....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सर्द हवाओं का मौसम
सर्द हवाओं का मौसम
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एतमाद नहीं करते
एतमाद नहीं करते
Dr fauzia Naseem shad
मेरे खाते में भी खुशियों का खजाना आ गया।
मेरे खाते में भी खुशियों का खजाना आ गया।
सत्य कुमार प्रेमी
3) “प्यार भरा ख़त”
3) “प्यार भरा ख़त”
Sapna Arora
पथ नहीं होता सरल
पथ नहीं होता सरल
surenderpal vaidya
#लघु_व्यंग्य
#लघु_व्यंग्य
*प्रणय प्रभात*
"Sometimes happiness and peace come when you lose something.
पूर्वार्थ
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
माँ सच्ची संवेदना...
माँ सच्ची संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ज्ञानमय
ज्ञानमय
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*
*"ममता"* पार्ट-3
Radhakishan R. Mundhra
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
Sunil Suman
मस्ती को क्या चाहिए ,मन के राजकुमार( कुंडलिया )
मस्ती को क्या चाहिए ,मन के राजकुमार( कुंडलिया )
Ravi Prakash
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
gurudeenverma198
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
प्रकट भये दीन दयाला
प्रकट भये दीन दयाला
Bodhisatva kastooriya
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...