भीड़ ने भीड़ से पूछा कि यह भीड़ क्यों लगी है? तो भीड़ ने भीड
हमें तो देखो उस अंधेरी रात का भी इंतजार होता है
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सर्द हवाओं का मौसम
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
मेरे खाते में भी खुशियों का खजाना आ गया।
"Sometimes happiness and peace come when you lose something.
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
मस्ती को क्या चाहिए ,मन के राजकुमार( कुंडलिया )
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'