आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे
आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे न कहने का अधिकार नहीं देता ।
इसके पीछे तर्क देता है की पुरुष की बात मानना ही औरत का धर्म है।।
आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे न कहने का अधिकार नहीं देता ।
इसके पीछे तर्क देता है की पुरुष की बात मानना ही औरत का धर्म है।।