आज का न्याय।
लोकतंत्र के तीन स्तंभों में से , न्यायपालिका की भूमिका का शासन चलाने के लिए बहुत योगदान होता है।
आज इस भीड़ में हम कैसे न्याय की आशा कर सकते हैं! क्योंकि आपकों न्याय के दरवाजे पर पहुंचने ही नही दिया जायेगा।गरीब आदमी के साथ कोई भी अन्याय हो जाता है।तब वह कैसे वहां तक पहुंच पायेंगे।उसे कदम कदम पर अनेक बलि चढ़ाना पड़ेगी!शासन को कुछ न्यायधीश ऐसे भी रखना चाहिए।जो वेतन न लें ।वह व्यक्ति केवल न्याय दे सकता है।
और जिसको पैसे से मतलब उसे न्याय,अन्याय से क्या लेना देना।उसे तो बराबर वेतन मिल ही रहा है!
हमें न्यायपालिका में इनोवेशन करने की जरूरत है।आज हमें न्याय को न्याय रहने पर जोर देना चाहिए।
जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव, और समाज सेवा से जुड़ा हुआ है,उस व्यक्ति को भी न्यायसेवा में लेना चाहिए।
हमें न्यायपालिका की सेवा को बहुत स्वच्छ और पारदर्शिता लानी होगी।
क्योंकि हर गरीब आदमी का न्याय से भरोसा उठता जा रहा है।