Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2020 · 1 min read

आज का द्रौण

आज का द्रौण

एकलव्य को
कटवाना पड़ा
अपना अंगूठा
क्योंकि
कुटिल द्रौण ने
कर रखा था
अनुबंध
राजघराने से
उनके राजकुमार को
सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर
बनाने का
आज द्रौण
हो चुका है
और अधिक खुंखार
अब वह
अंगूठा नहीं
गला काटता है

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
3 Likes · 370 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रंगीला संवरिया
रंगीला संवरिया
Arvina
मौत का रंग लाल है,
मौत का रंग लाल है,
पूर्वार्थ
बात
बात
Shyam Sundar Subramanian
आज का चयनित छंद
आज का चयनित छंद"रोला"अर्ध सम मात्रिक
rekha mohan
छोटी सी दुनिया
छोटी सी दुनिया
shabina. Naaz
बिल्ली मौसी (बाल कविता)
बिल्ली मौसी (बाल कविता)
नाथ सोनांचली
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
Bidyadhar Mantry
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
Atul "Krishn"
मौसम  सुंदर   पावन  है, इस सावन का अब क्या कहना।
मौसम सुंदर पावन है, इस सावन का अब क्या कहना।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
रूह बनकर उतरती है, रख लेता हूँ,
रूह बनकर उतरती है, रख लेता हूँ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
साधना की मन सुहानी भोर से
साधना की मन सुहानी भोर से
OM PRAKASH MEENA
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
Ram Krishan Rastogi
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
(10) मैं महासागर हूँ !
(10) मैं महासागर हूँ !
Kishore Nigam
*आत्महत्या*
*आत्महत्या*
आकांक्षा राय
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरु रुष्टे न कश्चन:।गुरुस्त्राता ग
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरु रुष्टे न कश्चन:।गुरुस्त्राता ग
Shashi kala vyas
3220.*पूर्णिका*
3220.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
Ranjeet kumar patre
" बस तुम्हें ही सोचूँ "
Pushpraj Anant
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
'अशांत' शेखर
मन में एक खयाल बसा है
मन में एक खयाल बसा है
Rekha khichi
अभी तक हमने
अभी तक हमने
*Author प्रणय प्रभात*
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
Deepak Baweja
ज़िंदगी का सवाल रहता है
ज़िंदगी का सवाल रहता है
Dr fauzia Naseem shad
मैं और दर्पण
मैं और दर्पण
Seema gupta,Alwar
दोस्ती का तराना
दोस्ती का तराना
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
माँ सरस्वती प्रार्थना
माँ सरस्वती प्रार्थना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जियो तो ऐसे जियो
जियो तो ऐसे जियो
Shekhar Chandra Mitra
खिलाडी श्री
खिलाडी श्री
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...