आज का दौऱे इश्क़
जब हमने की उनसे व़ादे वफ़ा की बातें उन्होंने कहा किस ज़माने की बात करते हो।
जब हमने कहा उनसे साथ निभाने को तो बोले क्यों बेकार की बातें करते हो।
जब हमने कही उनसे आंशियाँ बनाने की बातें तो बोले क्यों दिल जलाने की बातें करते हो।
फिर वे बोले जो पल है उन्हें हंसी खुशी गुजार दो
क्यों आसमाँ में महल बनाने की बातें करते हो।