समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
*आया अद्भुत चंद्रमा, शरद पूर्णिमा साथ【कुंडलिया】*
Prastya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
भारतीय रेल (Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
इंसान को पहले इंसान बनाएं
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
- आना चाहो तो आ जाना में तुम्हारा आज भी इंतजार कर रहा -
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
क्षणिक तैर पाती थी कागज की नाव
ज़माने ने मुझसे ज़रूर कहा है मोहब्बत करो,