आज का दिन है सुहाना
आज का दिन है सुहाना
आज का दिन है सुहाना ,मौसम अलबेला है मस्ताना। योग ध्यान करके दिन की शुरुआत कराना ।
निरोग रहकर स्वास्थ्य को अच्छा बनाना ।
आज का दिन है सुहाना ,मौसम अलबेला है मस्ताना ।हर कार्य को तन मन को लगाना ।
जीवन की संघर्ष को आसान बनाना ।
आज का दिन है सुहाना ,मौसम अलबेला है मस्ताना। खान पान को सादगी सरल बनाना ।
जीवन में आत्मीय गुण को जगाना ।
आज का दिन है सुहाना ,मौसम अलबेला है मस्ताना। आपस में प्रेम भाव को बढ़ाना ।
हंसता-खेलता जीवन को आगे चलाना ।
आज का दिन है सुहाना ,मौसम अलबेला है मस्ताना।
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रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना, बिलाईगढ़, बलौदाबाजार (छ. ग.)
8120587822