आज का छंद – इन्द्रवंशा (वर्णिक)
मापनी – गागाल गागाल लगाल गालगा
पिंगल सूत्र – त त ज र
ध्रुव शब्द – लक्ष्य
22 1 2 2 1 12 1 212
री कौमुदी!री कलिका!पिया गये।
राधा जिया दीप शिखा जगा गये।
मीरा हुई जोगन #लक्ष्य साधती,
प्रेमी सखा प्रीति हिया भुला गये।।
है प्रीत न्यारी उर सोहना पिया।
मैं जीत हारी मन मोहना पिया।।
पाया पिया साथ हिया कली खिली,
हो जाऊँ श्रृंगार सुलोचना पिया।।
नीलम शर्मा ✍️