आज कल लोगों को बताओ तब उनको पता लगता है कुछ हुआ है।
आज कल लोगों को बताओ तब उनको पता लगता है कुछ हुआ है।
सामान्य पूछने वाला व्यवहार खतम हो गया है सब हाल चल पूछंते रहने वाला व्यवहार शून्य हो गया है।
अब बताओ तब सबको पता लगता है फिर सबके अंदर का व्यवहार बाहर अचानक से आते है छींटे फिकर सलाह ज्ञान जैसे शब्दों से।
अब हाल चल पूछने वाला व्यवहार भी प्राथमिकता से है
जहां जरूरत जो जरूरी है वह हाल चल पूछते रहने का व्यवहार बना रहेगा। बाकी जगह जब पता लगेगा तब भावना बनेगा।