आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
हर आदमी अपनी राह पर निकल रहा है।
जिस जिस को भी थाम कर चल रहा था,
अब वो भी अपनी राह बदल रहा है।
कुमार दीपक “मणि”
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
हर आदमी अपनी राह पर निकल रहा है।
जिस जिस को भी थाम कर चल रहा था,
अब वो भी अपनी राह बदल रहा है।
कुमार दीपक “मणि”