आज ,कल ,कभी
आज उसने बहुत बातें की ,
क्या न कहने की कोशिश की?
सालों तक लटका रहा था,
बस एक पल का फैसला था ।
कभी चाहा था आसमां छू लूँ
अब चाहता हूँ बस सर उठा के चलूँ ।
आज उसने बहुत बातें की ,
क्या न कहने की कोशिश की?
सालों तक लटका रहा था,
बस एक पल का फैसला था ।
कभी चाहा था आसमां छू लूँ
अब चाहता हूँ बस सर उठा के चलूँ ।