आज एक फैसला कर
आज एक फैसला कर
अभी रात काली है
तू सुबह का इंतज़ार कर
बाहर कोरोना का कहर है
तू घर में ही बैठा कर
जाना है बहुत दूर तुमको
रुक कर कुछ फैसला कर
रुकने में समझदारी है आज
कंही न जाने का निर्णय कर
जिंदा हो तो जिंदगी है
सारे नियम का पालन कर
सब ठीक हो जाएगा एक दिन
तू इस बात पर विश्वास कर
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
विश्वरीकोर्ड पुरस्कृत कवि, मुम्बई