Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2022 · 1 min read

आज आपका कातिलाना अंदाज है।

आज आपका कातिलाना अंदाज है।
पढ़के लहज़ा आपका हर कोई हो जाने को बरबाद है।।1।।

यूं भी ना लिखा करो दीवाने लड़ जाए।
हर दिले आशिक पाने की खातिर आपको बेकरार है।।2।।

जब अल्फ़ाज़ ऐसे है तो अंदाज क्या होगा।
सब अपने अपने हिसाब से ये सोचने को बेहिसाब है।।3।।

बनकर आबे बूंद गिरे हो सूखे सहरा में।
मोहब्बत ए प्यास ए तिश्नगी बुझाने को सब तैयार है।।4।।

शबनम भी ज़ार ज़ार सुबह रो रही थी।
आपकी वजह से वजूद उसका आज हो गया बेकार है।।5।।

दुश्मन बन जायेगा दूसरा हुस्न हसीनों का।
दीवानों की महफ़िल में हो रहा आपका जो शुमार है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 2 Comments · 92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

विधाता छंद
विधाता छंद
Rambali Mishra
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मार मुदई के रे... 2
मार मुदई के रे... 2
जय लगन कुमार हैप्पी
तुझे खो कर तुझे खोजते रहना
तुझे खो कर तुझे खोजते रहना
अर्चना मुकेश मेहता
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये
हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये
gurudeenverma198
उन्मादी चंचल मन मेरे...
उन्मादी चंचल मन मेरे...
Priya Maithil
आखिर कब तक
आखिर कब तक
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ले आओ बरसात
ले आओ बरसात
संतोष बरमैया जय
एहसास
एहसास
seema sharma
आदर्श शिक्षक
आदर्श शिक्षक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*जीवन का आनन्द*
*जीवन का आनन्द*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये ज़िंदगी भी गरीबों को सताती है,
ये ज़िंदगी भी गरीबों को सताती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
# चांदनी#
# चांदनी#
Madhavi Srivastava
ख्वाब
ख्वाब
लक्की सिंह चौहान
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mamta Rani
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
फिर वही
फिर वही
हिमांशु Kulshrestha
राम समर्पित रहे अवध में,
राम समर्पित रहे अवध में,
Sanjay ' शून्य'
..
..
*प्रणय*
अग्रसेन जी की आरती।
अग्रसेन जी की आरती।
Dr Archana Gupta
खुद से बिछड़े बहुत वक्त बीता
खुद से बिछड़े बहुत वक्त बीता "अयन"
Mahesh Tiwari 'Ayan'
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
सत्य कुमार प्रेमी
- उसकी आंखों का सम्मोहन -
- उसकी आंखों का सम्मोहन -
bharat gehlot
दिखता था
दिखता था
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
शाम के ढलते
शाम के ढलते
manjula chauhan
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
यहां  ला  के हम भी , मिलाए गए हैं ,
यहां ला के हम भी , मिलाए गए हैं ,
Neelofar Khan
हम दुख को भा गये ...
हम दुख को भा गये ...
Kshma Urmila
Loading...