आज आपका कातिलाना अंदाज है।
आज आपका कातिलाना अंदाज है।
पढ़के लहज़ा आपका हर कोई हो जाने को बरबाद है।।1।।
यूं भी ना लिखा करो दीवाने लड़ जाए।
हर दिले आशिक पाने की खातिर आपको बेकरार है।।2।।
जब अल्फ़ाज़ ऐसे है तो अंदाज क्या होगा।
सब अपने अपने हिसाब से ये सोचने को बेहिसाब है।।3।।
बनकर आबे बूंद गिरे हो सूखे सहरा में।
मोहब्बत ए प्यास ए तिश्नगी बुझाने को सब तैयार है।।4।।
शबनम भी ज़ार ज़ार सुबह रो रही थी।
आपकी वजह से वजूद उसका आज हो गया बेकार है।।5।।
दुश्मन बन जायेगा दूसरा हुस्न हसीनों का।
दीवानों की महफ़िल में हो रहा आपका जो शुमार है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ