आजादी
भारत जब था अंग्रेजों का भृत्य
भारतीयों पर होता था नृशंसता
तब भारतीयों ने आजादी हेतु
खुलकल किया अंग्रेजों का टंटा ।
इस आजादी के लिए भारतीयों ने
क्या से क्या झेले इस खलक में
तब लेते हमसब आज बंधनमुक्त
आजादी की खुली बयार में सांस ।
वीरों ने हँस हँस कर झूल गए
फाँसी पर के झूले इस भव में
तब जाकर पंद्रह अगस्त के दिवा
हुआ भारत पराधीनता से मुक्त ।
भारत के रिहा, स्वच्छंद होने के पश्चात
छब्बीस जनवरी उन्नीस सौ पचास को
बाबा साहब ने दिया पूर्ण देश को कानून
तब से लेकर आज तक, है भारत सुरक्षित ।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय बिहार