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15 Sep 2021 · 1 min read

आजादी कैसे पाई थी

हजारों फांसी के फंदे पर झूले थे,
लाखो वीरो ने गोलियां खाई थी।
तब कही बड़ी मुश्किल से हमने,
इस भारत में आजादी पाई थी।।

कहते है कुछ सत्ता के लोभी लोग,
आजादी चरखा चला कर आई थी।
उन वीरों को वे अब भूल गए हैं,
जिन्होंने काल कोठरी में यातना पाई थी।।

वीर सावरकर को अब भूल गए हैं,
जिसने आजादी की ज्योति जलाई थी।
कील कांटो और अपने नाखूनों से,
आजादी का नारो कि,की लिखाई थी।।

भगत सिंह को हम सब भूल गए हैं,
जिसने छोटी उम्र में फांसी खाई थी।।
आजाद को अब कौन याद करे,
जिसने भारत को आजादी दिलाई थी।।

राम कृष्ण रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 275 Views
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