आजादी के दीवाने
****आजादी के दीवाने****
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आओ याद करें हम अफसाने
जांबाज आजादी के दीवाने
सिर पर कफन बांध लिया था
खूब लड़े देश के लिए मरदाने
शमशीरों ने खेली खूनी होली
लहू के रंग से रंग दिए जमाने
मातृभूमि पर जीवन वार दिया
जले जैसे हों शमां के पयवाने
भगत सिंह,राजगुरु, सुखदेव
सूली पर झूम गए थे मस्ताने
लाल बाल पाल की त्रिवेणी
चले पड़े स्वतंत्रता में नहाने
बच्चे -बच्चे में बोला देश प्रेम
नहीं चले थे अंग्रेजों के बहाने
संघर्ष था देशभक्तों का नारा
भर गए थे बड़े बड़े तहखाने
मनसीरत कैसे कर्ज है चुकाए
जो भूल गए थे अपने पराये
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)