आजादी की कीमत
किसी को आजादी चाहिए ,
वतन में नफरत की आग फैलाने को ।
और किसी को चाहिए आजादी ,
मुंह यूं ही जहर उगलने को ।
अब तक देश हित मानव कल्याण हेतु ,
किसी ने नहीं मांगी आजादी ।
हां ! यह आजादी मांगी थी हक के साथ केवल ,
हमारे अमर शहीदों ने ,महान आत्माओं ने ,
जिनके नसीब में नहीं था देखना देश की आजादी ।
और कुछ मूर्ख ,अनपढ़ और गंवार कहते है ,
हमें भीख में मिली आजादी ।
इन्हें तो चाहिए इन महात्माओं का अपमान ,
करने की आजादी ।
ना जानें हमारे देश का कानून इतना लचर क्यों है ?
वरना डंडे के जोर से समझता कीमत ए आजादी ।