आजादी का शुभ दिन आज आया हैं
आजादी का शुभ दिन आज आया है
दिल मे नया जोश ओर उमंग जगाया है।
जिस दिन खुशी से झूमी ये माटी
वो कहानी सबको सुनाने आया है।।
आजादी का शुभ दिन आज आया है।
दिल मे नया जोश ओर उमंग जगाया है।।
खेत खलिहान गाँव और गलिया
पहाड़ समंदर ओर सब नदियां।
हर तरफ बिखेरने खुशियों की चादर
सारे जहां को महकाने आया है।।
आजादी का शुभ दिन आज आया है।
दिल मे नया जोश ओर उमंग जगाया है।।
जो दीवार बने मिटा दिया उस हस्ती को
जो रोड़ा बने डूबा दिया उस कस्ती को।
ये खुली हवा ओर ये खुला आसमान
स्वाधीनता का अहसास दिलाने आया है।।
आजादी का शुभ दिन आज आया है।
दिल मे नया जोश ओर उंमग जगाया है।।
बलिदान माँ भारती के महावीरों का
शौर्य ओर पराक्रम उन रणधीरों का।
जो खुद मिट कर माँ का सम्मान बचाया
उनका अमिट इतिहास बताने आया है।।
आजादी का शुभ दिन आज आया है।
दिल मे नया जोश ओर उमंग जगाया है।।
रचनाकार-
जितेन्द्र गहलोत ‘धुम्बड़िया’….✍️