आज़ादी
मां ने बेटो को खोया है
आजादी ऐसे न पाई।
रोये है आकाश धरा भी
कितनों ने जब जान गवांई।
सत्य अहिंसा के थे पुजारी
हिंसा को न अपनाया।।
आजादी के लिए लड़े वो
अनशन ही उनको भाया।।
खूब चलाये चरखा बापू
रघुपति राघव गान किया।।
राम की धुन में मस्त रहे वो
सबने बापू नाम दिया।।
नहीं कोई तलवार उठाई
इनकी ताकत थी ये कलम।।
देश को आजादी दिलवाई
आपके आभारी है हम।।
विजय बेशर्म