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10 Jun 2023 · 1 min read

आज़ादी

आज़ादी हम लेकर रहेंगे दिल में ये ठाने
चले देश के लिए जान गंवाने
पानी की तरह लहू बहाने
ओ लोग थे ऐसे दीवाने.

अटल-अडिग थे उनके इरादे
नामुमकिन को मुमकिन बना दे
चेहरे थे ओ जाने-पहचाने.
ओ लोग थे ऐसे दीवाने.

जिद पे उनका डट जाना
मुश्किल है किसी से हट जाना
कोई माने या न माने
ओ लोग थे ऐसे दीवाने.

मानवता का फर्ज़ निभाने
मातृभूमि का कर्ज चुकाने
जो चले”विशाल”वीर मस्ताने
ओ लोग थे ऐसे दीवाने.

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