आज़ादी के दीवाने
“आज़ादी के दीवाने”
भारत प्यारा देश हमारा, ऊँची इसकी शान है।
आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है।
राजगुरु, सुखदेव भगतसिंह, जैसे इसके लाल रे।
वीर शिवाजी, महाराणा से,गर्वित माँ का भाल रे।।
सच्ची धात्री बन पन्ना ने, किया पुत्र कुर्बान है।
आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है।।
भारत प्यारा देश हमारा——
हल्दीघाटी गौरव गाथा, गूँज रही चहुँ ओर है।
झाँसी के कण-कण में बसता, सुरबाला का शोर है।।
दसों दिशा में गूँजे इसका वैभवशाली गान है।
आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है।।
भारत प्यारा देश हमारा——
उठती लपटें आज चिता से, लहू सनी तलवार हैं।
मिटा शत्रु को गर्वित होते, कातर जन धिक्कार हैं।।
दुश्मन जिससे थर-थर काँपे, भारत देश महान है।
आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है।।
भारत प्यारा देश हमारा, ऊँची इसकी शान है।
आज़ादी के दीवानों ने, दिया स्वयं बलिदान है।।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)