आज़ादी की चाह
प्रभु ऐसा दो हमें वरदान
नापें हम तेरा आसमान
नहीं है धन दौलत की चाह
दिखाना आज़ादी की राह
ऐ काश, होते पंख हमारे
तोड़ लाते गगन के तारे
दुखी है कौन अपने घर में
देखें जग को एक नजर में
काम जग में ऐसे भी करें
दीन दुखियों के संताप हरें
आज़ादी का हो सदुपयोग
सेवा में हम करें उपयोग
चाहूं में ऐसी आज़ादी
रोके जो जग की बर्बादी