आजमाइश
इतना भी न गिरो नजरों में कि गुंजाइश ही न रहे
कभी टूटकर वापिस तुमसे मिलने ख्वाहिश न रहे
बहुत लम्बा वक्त गुजारा है तेरे आगोश में हमदम
लेकिन अब इश्क में कोई भी आजमाइश ही न रहे
इतना भी न गिरो नजरों में कि गुंजाइश ही न रहे
कभी टूटकर वापिस तुमसे मिलने ख्वाहिश न रहे
बहुत लम्बा वक्त गुजारा है तेरे आगोश में हमदम
लेकिन अब इश्क में कोई भी आजमाइश ही न रहे