आजमाते हो
1222/1222/
आजमाते हो
समन तुम क्यू रूलाते हो.
रूला कर फिर मनाते हो
चले जाये सुनो इक दिन.
हमे तुम क्यू सताते हो.
खफा जो हम हुये तुम से
बहाने फिर बनाते हो
सताये याद जब तुम को.
मुहब्बत फिर जताते हो.
तुम्हारे थे तुम्हारे है
हमे क्यू आजमाते हो..
पकड़ कर हाथ गैरो का
जला कर मुस्कुराते हो.
संगीता शर्मा.
1/3/2017