Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2024 · 1 min read

आग ..

आग ..

सहमी सहमी सांसें
बेआवाज़ आहटें
खामोशियों के लिबास में लिपटे
कुछ अनकहे शब्द
पल पल सिमटती ज़िदंगी
जवाबों को तरसते
बेहिसाब सवाल
शायद
यही सब था
इस हयाते सफ़र का अंजाम
लम्हे ज़िदंगी से अदावत कर बैठे
ख़्वाब
आग के साथ सुलगने लगे
अभी तो जीने की आग भी
न बुझ पायी थी
कि मौत की फसल
लहलहाने लगी
इक हुजूम था
मेरे शेष को
अवशेष में बदलने के लिए
नाज़ था जिस वज़ूद पर
वो ख़ाक हो जाएगा
आग के साथ मिलकर
आग हो जाएगा
बशर फिर भी न कुछ समझ पायेगा
मरघट में जलाकर
फिर जलने के लिए
दुनिया में चला जाएगा
कभी रिश्तों की आग जलाएगी
कभी पेट की आग में झुलस जाएगा
जलते जलते
अपने अंजाम पे पहुँच जायगा
दुनियावी आग से शायद
जीत भी जाए बशर
मगर
मरघट की आग से हार जाएगा
आग से मिलकर
वो आग हो जाएगा।

सुशील सरना

11 Views

You may also like these posts

विधा का हैं ज्ञान नही
विधा का हैं ज्ञान नही
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मनुष्य
मनुष्य
Johnny Ahmed 'क़ैस'
अफ़सोस
अफ़सोस
Dipak Kumar "Girja"
डर हक़ीक़त में कुछ नहीं होता ।
डर हक़ीक़त में कुछ नहीं होता ।
Dr fauzia Naseem shad
कामयाब लोग,
कामयाब लोग,
नेताम आर सी
मार्तंड वर्मा का इतिहास
मार्तंड वर्मा का इतिहास
Ajay Shekhavat
धरती बोली प्रेम से
धरती बोली प्रेम से
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सीप से मोती चाहिए तो
सीप से मोती चाहिए तो
Harminder Kaur
न्याय निलामी घर में रक्खा है
न्याय निलामी घर में रक्खा है
Harinarayan Tanha
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
VINOD CHAUHAN
साक्षात्कार स्वयं का
साक्षात्कार स्वयं का
Pratibha Pandey
" सूत्र "
Dr. Kishan tandon kranti
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
यूं तन्हाई में भी तन्हा रहना एक कला है,
यूं तन्हाई में भी तन्हा रहना एक कला है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
झलक को दिखाकर सतना नहीं ।
झलक को दिखाकर सतना नहीं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
बहन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म भी है, पर
बहन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म भी है, पर
जय लगन कुमार हैप्पी
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
Dr Archana Gupta
*~ हंसी ~*
*~ हंसी ~*
Priyank Upadhyay
जीते जी होने लगी,
जीते जी होने लगी,
sushil sarna
🎊🎉चलो आज पतंग उड़ाने
🎊🎉चलो आज पतंग उड़ाने
Shashi kala vyas
बीजः एक असीम संभावना....
बीजः एक असीम संभावना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
SPK Sachin Lodhi
3013.*पूर्णिका*
3013.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम बनते चालाक क्यों,धोखा है संसार ।
तुम बनते चालाक क्यों,धोखा है संसार ।
seema sharma
बुंदेली दोहा-बखेड़ा
बुंदेली दोहा-बखेड़ा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
देखकर आज आदमी की इंसानियत
देखकर आज आदमी की इंसानियत
gurudeenverma198
शीर्षक:-मित्र वही है
शीर्षक:-मित्र वही है
राधेश्याम "रागी"
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
Loading...