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14 May 2024 · 1 min read

आग तो लगी हैं यंहा भी और वंहा भी

आग तो लगी हैं यंहा भी और वंहा भी
फ़र्क सिर्फ इतना हैं वंहा मिडिया बिकी नहीं
क्या फर्क पड़ता अपने हो या बेगाने
सच्ची देशभक्ति को कुर्बानिया हीं देना हैं

यह तो सदियोंसे चलता आया हैं
मुघल ,अंग्रेज ,फ्रेंच , डच ,हिटलर
चाहे क्यों ना हो हमारे अपने चुने हुये
सच और झूट की लड़ाई तो अटल हैं

अपना देश मिटटी के लिए मर मिटनेवाले
कल भी थे ,आज भी हैं और कल भी रहेंगे
दुःख तो सिर्फ इतना हैं जुल्म ढानेवाले
हमारे अपने हैं खैर वो भी एक इतिहास रहा हैं

क्या करे ? समझ में नहीं आता जब
दो – दो हात करने का वक्त आता हैं
तब तकलीफ तो होती हैं पर जरुरत भी
संघर्ष तो अटल हैं रामायण हो महाभारत

Language: Hindi
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