आग और रिश्ते
दिनांक 30/5/19
मूर्ख इन्सान
मत खेल आग से
भस्म अस्तित्व
नारी ज्वाला
रखो मान उसका
सुखी समाज
थपेडे आग
जलता है इन्सान
सहारा पानी
प्रिय बिछौह
मिटते हुए रिश्ते
आग शरीर
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल
दिनांक 30/5/19
मूर्ख इन्सान
मत खेल आग से
भस्म अस्तित्व
नारी ज्वाला
रखो मान उसका
सुखी समाज
थपेडे आग
जलता है इन्सान
सहारा पानी
प्रिय बिछौह
मिटते हुए रिश्ते
आग शरीर
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल