Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2020 · 1 min read

आगे आओ इन्हें संभालो

ये जो मेरे मजदूर भाई-बहन सड़कों पर भटक रहे है
सब की आंखो में बड़ा ही खटक रहे है

उन को क्या बता रहे हो बलिदान कैसा होता है
धूप में सड़क पर नंगे पांव चल के उन का हृदय रोता है
बड़ी बडीं बातें कर के सभी अपनी ज़िम्मेवारी से पल्ला झटक रहे है
ये तो मेरे मजदूर भाई-बहन सड़कों पर भटक रहे है

कुछ दिन चल के जो घर ना पहुंच पाए
क्या किसी को उन की पीड़ा ना सताए
किसी गरीब के लिए उचित फैसले इतने क्यों लटक रहे है
ये मेरे मजदूर भाई-बहन सड़कों पर भटक रहे है

कहां गए वो देश के नारे
दर -दर भटके ये बेचारे
कोई ना इन का बने सहारा
फिरते है ये मारे- मारे
अपना कर्तव्य दूसरे पे डाल के धीरे धीरे सारे सटक रहे है
ये मेरे मजदूर भाई-बहन सड़कों पर क्यों भटक रहे है

जरा सोचो और देखो भालो
इस मुशिकल का कोई हल निकालो
ये भी भारत मां के भी बच्चे है
अगले आओ इन्हें संभालो
ये हीआदि और अंत से सरिषटी के घटक रहे है

ये तो मेरे मजदूर भाई-बहन सड़कों पर भटक रहे
सब की आंखो में बड़ा ही खटक रहे है।

Language: Hindi
2 Likes · 405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2983.*पूर्णिका*
2983.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
Dr. Man Mohan Krishna
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
घरौंदा
घरौंदा
Madhavi Srivastava
सबको सिर्फ़ चमकना है अंधेरा किसी को नहीं चाहिए।
सबको सिर्फ़ चमकना है अंधेरा किसी को नहीं चाहिए।
Harsh Nagar
💐प्रेम कौतुक-365💐
💐प्रेम कौतुक-365💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Never trust people who tells others secret
Never trust people who tells others secret
Md Ziaulla
- अब नहीं!!
- अब नहीं!!
Seema gupta,Alwar
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
Anil Mishra Prahari
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
Ravi Prakash
जिस आँगन में बिटिया चहके।
जिस आँगन में बिटिया चहके।
लक्ष्मी सिंह
सियासत में आकर।
सियासत में आकर।
Taj Mohammad
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
Dr fauzia Naseem shad
आज के समय में शादियां सिर्फ एक दिखावा बन गई हैं। लोग शादी को
आज के समय में शादियां सिर्फ एक दिखावा बन गई हैं। लोग शादी को
पूर्वार्थ
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
#मेरे_दोहे
#मेरे_दोहे
*Author प्रणय प्रभात*
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
शौक या मजबूरी
शौक या मजबूरी
संजय कुमार संजू
मात्र क्षणिक आनन्द को,
मात्र क्षणिक आनन्द को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जब  भी  तू  मेरे  दरमियाँ  आती  है
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
मेहनत तुम्हारी व्यर्थ नहीं होगी रास्तो की
मेहनत तुम्हारी व्यर्थ नहीं होगी रास्तो की
कवि दीपक बवेजा
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
Babli Jha
जीना सीख लिया
जीना सीख लिया
Anju ( Ojhal )
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
Neelam Sharma
इसमें हमारा जाता भी क्या है
इसमें हमारा जाता भी क्या है
gurudeenverma198
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
डॉ.सीमा अग्रवाल
आज हालत है कैसी ये संसार की।
आज हालत है कैसी ये संसार की।
सत्य कुमार प्रेमी
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
अब न वो आहें बची हैं ।
अब न वो आहें बची हैं ।
Arvind trivedi
Loading...