आखिर हूँ जो मैं भी तो कारीगर?
साहित्य के दलाल हो या फिर कोई बाजीग़र?
तुझसे डरूँगा नहीं मैं कभी?
यथार्थ दिखा बेनक़ाब कर दूँगा तुझे?
आखिर हूँ जो मैं भी तो कारीगर?
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)
साहित्य के दलाल हो या फिर कोई बाजीग़र?
तुझसे डरूँगा नहीं मैं कभी?
यथार्थ दिखा बेनक़ाब कर दूँगा तुझे?
आखिर हूँ जो मैं भी तो कारीगर?
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)