आखिर मुझे तूही पसन्द हैं ?
हा मैं विद्रोही हूँ , हा मैं किसी का नही हूँ ;
मुझे सत्य पसन्द हैं ,मुझे मस्ती में रहना पसंद है ,
हा मुझे संघर्ष पसन्द है ,मुझे मुस्कुराना पसन्द है , हर महफ़िल में जगमगाना पसन्द है ;
हा मुझे नाचना पसन्द है ,कूदना पसन्द है ,चिलाना पसन्द है ; हा मुझे अकेला रहना पसंद है , मुझे बच्चो के साथ खेलना पसंद है ,
हा मुझे दुनिया की तमाम दुख सुख पसन्द हैं , अरे जा मुझे तेरा नफरत भी पसन्द हैं ।