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19 Apr 2022 · 1 min read

इंसानियत को शर्मसार मत करो

लहू बहा रहे हो एक दूजे का इससे ,
ना अल्लाह खुश होगा न भगवान खुश होगा ।
इंसानियत को कर रहे हो शर्मिंदा ,
ज़रा अपना गिरेबान देखो क्या जमीर खुश होगा ?

Language: Hindi
217 Views
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