आखिर कोई क्यू
आखिर कोई क्यों
मुझे पढ़ना चाहेगा?????
अपने अमूल्य जीवन का
निर्धारित वक्त
क्यों
मुझमें व्यर्थ करेगा?????
कई बार
कलम …
ठिठक जाती है
ज्ञान कोष
निरुत्तर हो
जल सी निकली
मछली जैसा
तपते इस/
सावली रेत पर./
तड़पने लगता है…..
आखिर क्यों???
कोई मुझे पढ़ेगा……