आखिर कब तक
कश्मीर के हंदवाड़ा सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए कर्नल मेजर सहित 5 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए इसपर दुःख प्रकट करते हुए मेरे द्वारा स्वरचित कविता
आखिर कब तक
ख़ून बहेगा कब तक इनका,
देश सुरक्षा की आन पर।
फूल बिछेंगे लाशों के कबतक,
भारत माँ के सम्मान पर।।1।।
कबतक माताओं की गोद,
सूनी होगी संतानो से,
बहनो की राखी रोयेगी
भाई के अरमानों से।।2।।
यूँ बच्चे कबतक होंगे अनाथ,
सैनिक कबतक न घर आएगा।
ये दुश्मन भी अड़ियल है,
कब तक मुँह की खायेगा।।3।।
कबतक भारत माँ के बेटे,
यूँ ही भेंट शौर्य की चढ़ेंगे।
कबतक हम इस अत्याचारी,
आतंकवाद से लड़ेंगे।।4।।
अब तो कोई निर्णय लेना,
भारत की मजबूरी है।
अब भारत के सपूतों का
जीवन बड़ा ज़रूरी है।।5।।
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार