आखिर आप भी बही निकले
आखिर आप भी बही निकले, राजनैतिक फायदे के लिए फिसले, आखिर आप भी बही निकले
जब कृषि कानूनों से, बहुसंख्यक किसानों का भला था
आपका निर्णय दो साल तक न टला था
कितनी-कितनी तकलीफ झेली जनता ने
कितना नुक्सान और समय व्यर्थ गया
आखिर आप क्यों मुठ्ठी भर के दबाव में
बहुखंख्यक के सीने से निकल गए
या राजनीतिक फायदे के लिए पिघल गए
क्या लोक कल्याणकारी निर्णय
सड़कों पर उतर अराजक तरीके से बदल जाएगा
क्या अराजक तत्वों को गलत संदेश नहीं जाएगा
क्यों लंबे समय तक अड़े रहे, फिर क्यों बापिस आ गए?
आखिर आप भी बही निकले,बोटों के लिए फिसले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी