** आकाशवृति **
?व्यक्ति को
धरा और धरातल पर
रहकर सोचना चाहिए ।
केवल आकाशवृति पर
जीवनयापन करना
मनुष्य का स्वभाव
नहीं बनना चाहिए ।।
कभी कभार
प्रकृति की सौम्य
सुंदरता का भी
–रसास्वादन
कर लेना चाहिए ।
निश्चित ही आपके
तनमन का बोझ
हल्का होगा।
? मधुप बैरागी