Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

आकांक्षा

आकांक्षा
सुन संस्कृति तुही है मेरी साक्षी,
है तेरी माँ महत्वाकांक्षी ।
तु ही पूर्ण करेगी वह उद्देश्य,
था जीवन का जो अवशेष ।
तुझे शिखर पर देखने की जिज्ञासा,
करो पूर्ण तू ही, कुंठित अभिलाषा ।
तु है जीवन की अच्युत ज्योति
प्यारी है जैसे सिप की मोती ।
तू कर नई संस्कृति का सृजन,
हर्षित होंगे हर कलुषित मन।
जहाँ-जहाँ पड़े तेरे कर्मठ चरण,
वहीं ससमृद्ध का स्फूटित हो सुमन ।
तेरी गरिमा देखे सहस्राक्षी,
है तेरी माँ महत्वाकांक्षी ।

उमा झा

Language: Hindi
25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from उमा झा
View all
You may also like:
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Bodhisatva kastooriya
*मनकहताआगेचल*
*मनकहताआगेचल*
Dr. Priya Gupta
उसके जैसा जमाने में कोई हो ही नहीं सकता।
उसके जैसा जमाने में कोई हो ही नहीं सकता।
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
हौसला
हौसला
डॉ. शिव लहरी
Love's Sanctuary
Love's Sanctuary
Vedha Singh
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
पूर्वार्थ
दोनों हाथों से दुआएं दीजिए
दोनों हाथों से दुआएं दीजिए
Harminder Kaur
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
Kanchan Alok Malu
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*पुस्तक का नाम : लल्लाबाबू-प्रहसन*
*पुस्तक का नाम : लल्लाबाबू-प्रहसन*
Ravi Prakash
मेरे विचार
मेरे विचार
Anju
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
HEBA
3340.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3340.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अपना मन
अपना मन
Neeraj Agarwal
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
Phool gufran
छह घण्टे भी पढ़ नहीं,
छह घण्टे भी पढ़ नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
umesh mehra
"हाथों की लकीरें"
Ekta chitrangini
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
Neelofar Khan
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
SHAILESH MOHAN
"The Power of Orange"
Manisha Manjari
स्क्रीनशॉट बटन
स्क्रीनशॉट बटन
Karuna Goswami
कभी तो फिर मिलो
कभी तो फिर मिलो
Davina Amar Thakral
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
घरौंदा
घरौंदा
Dr. Kishan tandon kranti
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
Dr. Man Mohan Krishna
तन्हाई
तन्हाई
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...