Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2016 · 1 min read

आकर राधे देख लो

आकर राधे देख लो तुम कलयुगी संसार
नारी का मान करे नही वो कैसे करेगा प्यार

तुम्हारे समर्पण पर कान्हा ने खोला ह्रदय द्दार
पर नहीं किसी को अब समर्पण की दरकार

इस कलयुग मे प्रेम का रूप बदलते देखो
स्वारथ के आगे निसदिन प्रेम रहा हार

कान्हा संग सदियो से तुम प्रेम मिसाल बनी बैठी हो
यहां टिकता नहीं प्रेम अब गुजरे दिन जब चार

Language: Hindi
674 Views

You may also like these posts

हमने अपने इश्क को छोड़ा नहीं
हमने अपने इश्क को छोड़ा नहीं
Aditya Prakash
- आसमान में बादल छाए है -
- आसमान में बादल छाए है -
bharat gehlot
कहानी
कहानी
Rajender Kumar Miraaj
**** रक्षाबंधन का त्योहार आया ****
**** रक्षाबंधन का त्योहार आया ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
Ravi Prakash
শিবকে নিয়ে লেখা গান
শিবকে নিয়ে লেখা গান
Arghyadeep Chakraborty
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तू राह है मेरी
तू राह है मेरी
Shinde Poonam
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा  तेईस
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा तेईस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यादें
यादें
Dinesh Kumar Gangwar
वर्दी (कविता)
वर्दी (कविता)
Indu Singh
शीर्षक -  आप और हम जीवन के सच
शीर्षक - आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
एक मधुर संवाद से,
एक मधुर संवाद से,
sushil sarna
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पत्थर दिल का एतबार न कीजिए
पत्थर दिल का एतबार न कीजिए
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
चाँद और अंतरिक्ष यात्री!
चाँद और अंतरिक्ष यात्री!
Pradeep Shoree
बरसात - अनुपम सौगात
बरसात - अनुपम सौगात
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
ख़यालों को गर अपने तुम जीत लोगे
ख़यालों को गर अपने तुम जीत लोगे
Dr fauzia Naseem shad
विभेद दें।
विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
रिश्तों का एहसास
रिश्तों का एहसास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🙅छुटभैयों की चांदी🙅
🙅छुटभैयों की चांदी🙅
*प्रणय*
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
surenderpal vaidya
बहू
बहू
Buddha Prakash
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
Ujjwal kumar
जगह-जगह पुष्प 'कमल' खिला;
जगह-जगह पुष्प 'कमल' खिला;
पंकज कुमार कर्ण
3277.*पूर्णिका*
3277.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अजीब हालत है मेरे दिल की
अजीब हालत है मेरे दिल की
Phool gufran
सपनों का सफर।
सपनों का सफर।
Priya princess panwar
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
Loading...