Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Dec 2021 · 1 min read

आकर देखो गांव मेरा

मैं गांव का लड़का हूं और
तुम हो शहरों की परी प्रिये
मैं पगडंडियों पर चलता हूं
तुम सीधी सड़कों पर चली प्रिये।।

मैं तो हूं सीधा साधा, नहीं जानता
शहरों के रीति रिवाज़ प्रिये
आ जाऊंगा मिलने तुमसे जब भी
दोगे तुम आवाज़ प्रिये।।

जो दिखता है सामने मुझको
वो ही देख पाता हूं मैं तो प्रिये
जो भी कहती हो तुम मुझसे
सब सच मान जाता हूं मैं तो प्रिये।।

पसंद नहीं मुझको शोर शहरों का
मैं तो आता हूं यहां तुमसे मिलने प्रिये
जानना चाहता हूं अब मैं तुमसे
मेरे लिए क्या है तुम्हारे दिल में प्रिये।।

शहरों में तो भीड़ बहुत है
अपनापन नहीं दिखता प्रिये
गांव में भीड़ नहीं है लेकिन
अपनापन है बहुत मिलता प्रिये।।

डर लगता है शहरों से मुझको
यहां तो होते दिलों के सौदे प्रिये
आकर देखो गांव में हमारे कभी
कैसे उगते है प्यार के पौधे प्रिये।।

शहर की ज़िंदगी बहुत जी ली
करो अब तो गांव का रुख प्रिये
जो न मिला शहरों में कभी तुमको
गांव में मिलता है वो सुख प्रिये।।

जो हो जाओगे तुम मेरे अगर
मिलेगा तुमको पहाड़ों का सुकूं प्रिये
जो भी हो दिल में तुम्हारे, कह दो
गर हो राज़ी, तो तुम्हारे लिए मैं रुकूं प्रिये।।

Language: Hindi
4 Likes · 463 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
उम्र ए हासिल
उम्र ए हासिल
Dr fauzia Naseem shad
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
Ravi Yadav
राष्ट्र धर्म
राष्ट्र धर्म
Dr.Pratibha Prakash
3276.*पूर्णिका*
3276.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
❤बिना मतलब के जो बात करते है
❤बिना मतलब के जो बात करते है
Satyaveer vaishnav
अंतस का तम मिट जाए
अंतस का तम मिट जाए
Shweta Soni
"चिन्ता का चक्र"
Dr. Kishan tandon kranti
अपने हुस्न पर इतना गुरूर ठीक नहीं है,
अपने हुस्न पर इतना गुरूर ठीक नहीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस
Neeraj Agarwal
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
अजहर अली (An Explorer of Life)
“मेरे जीवन साथी”
“मेरे जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
Indu Singh
किसी नदी के मुहाने पर
किसी नदी के मुहाने पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
छटपटाता रहता है आम इंसान
छटपटाता रहता है आम इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
यदि सलाह देने की स्थिति में होता तो कई मित्रों से कहता कि आप
यदि सलाह देने की स्थिति में होता तो कई मित्रों से कहता कि आप
*प्रणय प्रभात*
बहते रस्ते पे कोई बात तो करे,
बहते रस्ते पे कोई बात तो करे,
पूर्वार्थ
सरपरस्त
सरपरस्त
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
प्रेम एक्सप्रेस
प्रेम एक्सप्रेस
Rahul Singh
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
*कहीं जन्म की खुशियॉं हैं, तो कहीं मौत का गम है (हिंदी गजल ग
*कहीं जन्म की खुशियॉं हैं, तो कहीं मौत का गम है (हिंदी गजल ग
Ravi Prakash
यदि आप नंगे है ,
यदि आप नंगे है ,
शेखर सिंह
" कैसा हूँ "
Dr Mukesh 'Aseemit'
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
Paras Nath Jha
तन्हा -तन्हा
तन्हा -तन्हा
Surinder blackpen
गाँव की प्यारी यादों को दिल में सजाया करो,
गाँव की प्यारी यादों को दिल में सजाया करो,
Ranjeet kumar patre
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आपकी आहुति और देशहित
आपकी आहुति और देशहित
Mahender Singh
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
Loading...