लोग कहते हैं मैं कड़वी जबान रखता हूँ
भीम आयेंगे आयेंगे भीम आयेंगे
मेरी हर धड़कन तुम्हारी सांसों की विरासत है,
पयोनिधि नेह में घोली, मधुर सुर साज है हिंदी।
মন তুমি শুধু শিব বলো (শিবের গান)
अतिथि देवोभवः
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बदनाम
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
उम्र न जाने किन गलियों से गुजरी कुछ ख़्वाब मुकम्मल हुए कुछ उन
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है ,
सितारों की तरह चमकना है, तो सितारों की तरह जलना होगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
- प्यार का इकरार दिल में हो मगर कोई पूछे तो मुकरना चाहिए -