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3 Jul 2024 · 1 min read

*आओ सोचें अब सभी, गलत भीड़ का जोश (कुंडलिया)*

आओ सोचें अब सभी, गलत भीड़ का जोश (कुंडलिया)
_________________________
आओ सोचें अब सभी, गलत भीड़ का जोश
रखना ही होगा हमें, सदा जोश पर होश
सदा जोश पर होश, भीड़ पर अंकुश लाऍं
करें व्यवस्थित भीड़, रुकें यों दुर्घटनाऍं
कहते रवि कविराय, बंधु कम भीड़ जुटाओ
विषय बहुत गंभीर, साथ मिलकर सब आओ
—————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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