आओ मिल दीप जलाएँ
जगमग जगमग दीप जलाएँ ,
आओ मिल दीवाली मनाएँ ।
सिर्फ़ मिठाइयाँ न बाँटकर ,
रिश्तों में आओ मिठास बढ़ाएँ ।
झगड़ों को बिठाकर रॉकेट पर,
समाज से कहीं दूर उड़ाएँ ।
हटा शिकायतों का जाप ,
लबों पर फुलझड़ियों सी हँसी सज़ाएँ ।
जगमग जगमग दीप जलाएँ ,
आओ मिल दीवाली मनाएँ ।
प्रेम- दोस्ती के रंगों को मिलाकर ,
मनभावन रंगोली बनाएँ ।
मन में ज्ञान रूपी दीप प्रज्वलित कर ,
साधना के पुष्प प्रभु चरणों में चढ़ाएँ ।
अज्ञानता का तमस् मिटाकर ,
उज्ज्वल भक्ति भाव हनुमन सा जगाएँ।
जगमग जगमग दीप जलाएँ ,
आओ मिल दीवाली मनाएँ ।
दीपावली प्रकाश और स्वच्छता का त्योहार,
आओ इसे खुशहाल बनाएँ ।
मोमबत्तियाँ न जलाकर,
कुम्हार के हाथों से बने मिट्टी के दीये जलाएँ ।
कर्म और धर्म की राह पर चलकर ,
देवी- देवताओं का आशीर्वाद हम पाएँ ।
घर को प्रेम से महका कर ,
विचारों को उच्च व पावन बनाएँ ॥
पटाखे ज़रा कम चलाकर ,
प्रकृति को प्रदूषण मुक्त बनाएँ।
भरत जैसे लालच त्याग कर ,
कर्मयोगी हम कहलाएँ ।
प्रेम में श्री राम प्रभु के ,
लक्ष्मण जैसे हम समर्पित हो जाएँ।
जगमग जगमग दीप जलाएँ ,
आओ मिल दीवाली मनाएँ ।
रामायण से शिक्षा प्राप्त कर ,
भारत का जग में मान बढ़ाएँ ।
सत्य को बिठाकर जिह्वा पर ,
वचनों में गंगा सा अमृत लाएँ ।
जग कल्याण का भाव रख ह्रदय में ,
राम नाम जप कर हर कदम बढाएँ ।
जगमग जगमग दीप जलाएँ ,
आओ मिल दीवाली मनाएँ ।
इंदु नांदल विश्व रिकॉर्ड होल्डर
इंडोनेशिया
स्वरचित